तेरी याद में खुद से ख़फ़ा रहने लगी हु,
किस किस को समझाऊँ क्यू उनसे जुदा होने लगी हु,
छोटी छोटी बातो पे अपना आपा खोने लगी हु,
तन्हाइयो में छुप छुप के रोने लगी हु,
पता है तेरी बेवफाई के असर में जीने लगी हु,
तुमसे हु खफा पर इंजाम खुद पे लेने लगी हु,
तेरी याद में खुद से खफा रहने लगी हु,
किस किस को समझाऊँ क्यू उनसे जुदा होने लगी हु।
नही समझना तुम इसे मेरी कमजोरी,
तेरी चिंगारियों को आग बनाने लगी हु,
नही पता जिंदगी को किस तरफ ले जाने लगी हु,
तेरी बेवफाई को अपनी तक़दीर समझने लगी हु,
तेरी याद में खुद से खफा रहने लगी हु,
किस किस को समझाऊ क्यू उनसे जुदा होने लगी हु।