आज भी यादों का सैलाब लिए जी रही हु,
आँखों में तेरा दिया बरसात लिए जी रही हु,
जानती हु खता तुमने की
पर तेरी जुर्म में बदनाम हुए जी रही हु।
Month: January 2018
कब तक
कब तक सुनेगा कोई तेरी बात,
छोड़के जायेगा वो तेरा साथ,
चला था जो डाले हाथो में हाथ,
कर दिया उसी ने गम की बरसात।
खबर नही
तुझे खबर नही,किस तरह मैं जी रही,
तेरी खता की सजा,मैं खुदको दे रही।
तूने तो बिना कुछ सोचे मुझको छोड़ दिया,
बिना एक बार मेरी तरफ देखे मुँह मोड़ गया।
आँखे खुली होते हुए भी सो रही,
ख्वाबो ही ख्वाबो में तुझसे सवाल मैं कर रही।
तूने मुझको नही,मेरे प्यार को दगा दिया,
मेरे दिल के हर कोने को खफा किया।
तुझे खबर भी नही,किस तरह मैं जी रही,
तेरी खता की सजा,खुदको दे रही।
फिर भी
मेरे ख्यालो की परछाईयों को तूने छूआ था,
रूह की गहराईयो में तुही बसा था,
दिल का हर धड़कन तेरा ही हुआ था,
सांसो में नाम तेरा ही आया था,
हर ख्वाबो में तुही समाया था,
जुल्फों के आग़ोश में तेरा ही साया था,
पर फिर भी तू दूर गया,
मुझसे ही मुँह मोड़ गया,
मेरे हर खयालो को तोड़ गया,
तेरी बेवफाई के आग़ोश में जलता हुआ मुझको छोड़ गया
सुना है।
सुना है किसी की यादों में जीना भी प्यार है,
तो क्या तेरा मुझको ठुकराना प्यार है,
क्या मेरी नींदों को चुराना प्यार है,
क्या हर घडी मुझको तड़पना प्यार है,
सुना है किसी की यादों में जीना भी प्यार है।
तो क्या तेरा मेरे लिए कोई कोशिश न करना प्यार है,
क्या मेरी ख्वाबो को तोडना प्यार है,
क्या मेरी आँखों को भिगोना प्यार है,
सुना है किसी की यादों में जीना भी प्यार है।