मैं और तू

मैं रोती रही, तू रुलाता रहा,

मैं तड़पती रही, तू तड़पाता रहा,

मैं खामोश रही, तू गुनगुनाता रहा,

मैं तन्हा रही, तू दिल लगाता रहा,

मैं जागती रही, तू जगाता रहा,

इस दिल में आग यु लगाता रहा,

मैं सहम सी गयी, तू मुस्कुराता रहा,

मैं याद करती रही, तू उनको दफनाता रहा,

मैं रोती रही, तू रुलाता रहा ।

फर्क चुनने का।

मैंने तुझको चुना,तूने चुना सिर्फ मेरी यादे,

तू खुद में व्यस्त रहा,मैं करती रही तेरी फरियादै,

मैंने प्यार किया,तूने की सिर्फ मुलाकाते,

मैं घुटती रही,तू देता रहा तारीखे,

मैंने तुझको चुना,तूने चुना सिर्फ मेरी यादें।

खाली

अब तो पन्ने भी खाली पड़ने लगे है,

मेरे जज़्बात मेरे दिल में ठहरने लगे है,

तेरी बेवफाई के आग़ोश जलने लगे है,

दिल में घाव गहरे पड़ने लगे है,

अब तो पन्नें भी खाली पड़ने लगे है।

हिम्मत

चाहती हु तेरा हो जाना,

पर दोबारा तुझे खोने की अब हिम्मत नहीं।

चाहती हु दिल लगाना,

पर दिल तोड़वाने की अब हिम्मत नहीं।

चाहती हु तेरे पास आना,

पर तुझे दूर जाता देखने की अब हिम्मत नही।

चाहती हु सपने देखना,

पर टूटे सपनो के साथ जीने की अब हिम्मत नहीं।

चाहती हु तुझसे मान जाना,

पर दुबारा तुझसे रूठने की अब हिम्मत नही।

दुनियां को तू मना,

दुनिया के लिए तेरा मुझको ठुकराता हुआ देखने की अब हिम्मत नही।

रात

तेरी यादों में रात गुज़रती है,

अब तो तकिये भी चीख उठते है,

क्यों इस कदर तूने दिल लगायी है।

तेरे लिए

तेरे लिए मैंने सब ठुकराया,

हर पल तुझको अपना बनाया,

सिर्फ एक ही अरमान सजाया,

पर तूने मुझे न अपनाया,

हर पल मुझको सताया,

मेरे दिल में झूठा अरमान जगाया,

दुनियां से लड़ने की न हिम्मत कर पाया,

दुनियां को ना हमारा प्यार समझाया,

हर घडी मुझको तड़पाया।

आईना

क्या तुम्हारे आँखों में वो चमक है

जो उसके पास आने पे हुआ करती थी,

क्या तुम्हारे होठो पे वो मुस्कान है

जो उससे बात करने पे  हुआ करती थी,

क्या तुम्हारे माथे पे वो शिकन है

जो उसके रूठ जाने पे हुआ करती थी,

खुद को आईने के सामने रख के ये सवाल करती हु

क्या ये वही लड़की है,

जो पहले कभी हुआ करती थी।

 

ख्वाब

मेरी हर याद हटा रहा है वो,

हमारे बिताए पल के निशा मिटा रहा है वो,

उस कम्बख़त को इतना भी नही पता,

मेरे हर ख्वाव जला रहा है वो।

फितरत

किसी को सच्चे दिल से प्यार कर लो,

पर उसकी फितरत नही बदलती।

खून भरे ख़त उसके नाम कर दो,

पर उसकी फितरत नही बदलती।

मैं तो हु एक नाचीज़,

किसी के लिए खुद को बर्बाद कर लो,

पर उसकी फितरत नही बदलती।