बदनाम

आज भी यादों का सैलाब लिए जी रही हु,
आँखों में तेरा दिया बरसात लिए जी रही हु,
जानती हु खता तुमने की
पर तेरी जुर्म में बदनाम हुए जी रही हु।

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