आज भी यादों का सैलाब लिए जी रही हु,
आँखों में तेरा दिया बरसात लिए जी रही हु,
जानती हु खता तुमने की
पर तेरी जुर्म में बदनाम हुए जी रही हु।
आज भी यादों का सैलाब लिए जी रही हु,
आँखों में तेरा दिया बरसात लिए जी रही हु,
जानती हु खता तुमने की
पर तेरी जुर्म में बदनाम हुए जी रही हु।
👍👍
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☺
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waah….bahut khub.
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Dhanyawad apka..
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