तुझे खबर नही,किस तरह मैं जी रही,
तेरी खता की सजा,मैं खुदको दे रही।
तूने तो बिना कुछ सोचे मुझको छोड़ दिया,
बिना एक बार मेरी तरफ देखे मुँह मोड़ गया।
आँखे खुली होते हुए भी सो रही,
ख्वाबो ही ख्वाबो में तुझसे सवाल मैं कर रही।
तूने मुझको नही,मेरे प्यार को दगा दिया,
मेरे दिल के हर कोने को खफा किया।
तुझे खबर भी नही,किस तरह मैं जी रही,
तेरी खता की सजा,खुदको दे रही।